tag:blogger.com,1999:blog-4714264106733078548.post5465014512307361075..comments2023-07-03T03:37:22.153-07:00Comments on सूचना का अधिकार: आर टी आई का इस्तेमाल और शुरूआती झिझक..Unknownnoreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-4714264106733078548.post-79754960603251825322017-01-20T01:13:15.068-08:002017-01-20T01:13:15.068-08:00एक दबी जुबान उठाने वाले को पराेहतशान देने के लिए आ...एक दबी जुबान उठाने वाले को पराेहतशान देने के लिए आप का तह दिल से शुक्रिया Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/01364920865352397759noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4714264106733078548.post-33552312844783850112016-09-22T01:41:20.796-07:002016-09-22T01:41:20.796-07:00Mene bhi ye kam kiya pr result nahi mila karan ki ...Mene bhi ye kam kiya pr result nahi mila karan ki mujr karylay bulaya our me ja nahi paya pr kiya ye apne aap nahi detr kiya Khuman parmarhttps://www.blogger.com/profile/05249698770552628268noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4714264106733078548.post-24754634263394918672010-05-20T01:14:52.295-07:002010-05-20T01:14:52.295-07:00इस दुनिया में बहुत कम लोगों को अच्छा कार्य करने पर...इस दुनिया में बहुत कम लोगों को अच्छा कार्य करने पर प्रोत्साहन मिलता है। जो लोग आगे निकल गये हैं, वे पीछे मुडकर देखने में शर्म का अनुभव करते हैं। कुछ ऐसे भी लोग हैं, जो सिर्फ मजाक उडाने में ही अपनी इज्जत समझते हैं। ऐसे लोगों की ओर से ही बाबुओं को तंग करने वाली बात कही जा सकती है। आपने अपने अनुभव को पाठकों के साथ बांटकर श्रेृष्ठ कार्य किया है। जिसके लिये आपको बधाई और शुभकामनाएँ। मुझे आपके आलेख की निम्न पक्तियाँ ने अत्यधिक प्रभावित किया है।<br /><br />"लोग किसी भी ज्ञान को, किसी भी जानकारी को बहुत संकीर्णता के साथ अपने तक ही सीमित रखना चाहते हैं। इसलिये जो लोग उन के पास उपलब्ध जानकारी को दोनों हाथों से खुले आम लुटाते हैं, वे मुझे बहुत पसंद है।"<br /><br />"इस देश की परंपरा ही यही रही है, और मैं इस का हमेशा से प्रशंसक रहा हूँ।"<br /><br />उक्त पंक्तियों में समाहित आपकी भावनाओं को ध्यान में रखते हुए आपके ज्ञान एवं अनुभवकों को मैं प्रेसपालिका पाक्षिक समाचार-पत्र के माध्यम से पाठकों तक पहुँचाना चाहता हँू। मैं समझता हँू कि आपको इसमें किसी प्रकार की आपत्ती नहीं होनी चाहिये, फिर भी यदि कोई आपत्ति हो तो कृपया तत्काल सूचित करें।<br /><br />हाँ आपकी उक्त पंक्तियों में थोडा सुधार करना चाहता हँू, कि इस देश की परम्परा ज्ञान को लुटाने की नहीं, अपितु ज्ञान को दबाकर रखने की रही है। इसी का दुष्परिणाम है कि हम दुनियाँ के बहुत से देशों से पीछे हैं।<br /><br />एक फिर से आपको शुभकामनाएँ ज्ञापित करते हुए कहना चाहँूगा कि अपनी कलम को विराम नहीं दें और लिखते रहें। धन्यवाद-डॉ. पुरुषोत्तम मीणा निरंकुश, सम्पादक-प्रेसपालिका (जयपुर से प्रकाशित पाक्षिक समाचार-पत्र) एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष-भ्रष्टाचार एवं अत्याचार अन्वेषण संस्थान (बास) (जो दिल्ली से देश के सत्रह राज्यों में संचालित है। इसमें वर्तमान में ४२८० आजीवन रजिस्टर्ड कार्यकर्ता सेवारत हैं।)। फोन : ०१४१-२२२२२२५ (सायं : ७ से ८)भारतवासीhttps://www.blogger.com/profile/12363266787410149792noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4714264106733078548.post-81031145477836642512010-01-21T05:47:31.575-08:002010-01-21T05:47:31.575-08:00वाह जी बहुत बढ़िया.
टाइम पास का भी ये अच्छा तरीका ...वाह जी बहुत बढ़िया.<br />टाइम पास का भी ये अच्छा तरीका है. <br />दस रूपये में बाबुओं की क्लास लिये रहो. <br />जब चाहो हड़का लो. <br />मौज करो.Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टूनhttps://www.blogger.com/profile/12838561353574058176noreply@blogger.com